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Nokia 3310: The Immortal King of Cell Phones

आज जब चीजों की उम्र दिनों और हफ्तों में में नापी जाने लगी है तब ये सोचकर हैरानी होती है कि कभी 3310 जैसा एक फोन भी हुआ करता था, जो अमरौती खाकर जन्मा था; वो  यूं ही भूकंप के बाद ढही इमारतों के मलबे से हफ्तों बाद भी हँसते-मुसकुराते बाहर निकल आता, पानी में गिर जाये तो धूप में सूखते ही फिर गाने लगता, ट्रक के नीचे आ जाये तो फूँक मारते ही उठ खड़ा होता।      बनाने वालों ने उसमें बैटरी की बजाय एक ठौ परमाणु बिजली घर फिट किया था - तब दोपहर बारह बजे सोकर उठते ही एक-एक कर अपनी तमाम चांदो को फोन लगाना शुरू करो और रात को उगते चाँद की रोशनी में बैटरी पर नज़र डालो - तो वो वैसे ही टनाटन फुल; ज़िंदगी में रौनक उसी के कारण थी। चांद एक-एक कर बदलती रही, लेकिन वो वहीं का वहीं बना रहा - उसके बरोब्बर चल सके, इतना माद्दा किसी में था ही नहीं। 
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The Feast of Life: A Philosophy of the Pangat

 दौड़ कर पंगत में जगह घेर ली है, सांस ज़ोरों की चल रही हो लेकिन खुशी है कि पहला संघर्ष कामयाब रहा; दो साल तक किताबों के पीछे भागने के बाद आखिरकार ठीक-ठाक कॉलेज मिल गया है, खर्चे को लेकर सांस थोड़ी ऊपर नीचे हो गई थी लेकिन खुशी है कि पहली लड़ाई जीत ली।      नमक तो सभी की पत्तल पर रखा जा चुका है अब बस बाकी का इंतज़ार है, तभी हल्की सी हवा चली तो पत्तल उड़ने को बेसब्र हो उठी, जैसे-तैसे उस पर खाली कुल्हड़ धरकर उड़ने से बचाया; पढ़ाई तो खैर सभी की शुरू हो गई है, लेकिन अब बाकी सपनों का इंतज़ार है, इस बीच प्यार का एक छोटा सा झोंका क्या आया कि ज़िंदगी जीने को बेसब्र हो उठी, जैसे-तैसे खाली जेब का बोझ उस पर रखकर बहकने से बचाया। 

A Star Named 'Bibha': The Legacy of Bibha Chowdhuri

सुश्री बिभा चौधुरी ने कभी शादी नहीं की। वो कुल छह भाई-बहन थे, लेकिन उनकी बाकी चार बहनें और इकलौता भाई भी आजीवन अविवाहित ही रहे; तो दुनिया की सोच का वो हिस्सा, जो शादी को उपलब्धि के रूप में देखता है, इस बात को लेकर उनसे कोई शिकायत करता तो शायद अपनी इस ' अनुपलब्धि ' पर भी वो वैसे ही मुस्कुराकर मौन रह जाती, जैसी कि वो आजीवन अपनी उपलब्धियों को लेकर रहीं।      २३ वर्ष की आयु में १९३६ में कलकत्ता विश्वविद्यालय से भौतिकी में एमएससी करने वाली वो अकेली महिला थीं,

Love, Longing, and the Language of Silence 'Bade Achhe Lagte Hain'

झील के किनारे गूँजती हुई वायलीन की उदास धुन हवा में धीमे-धीमे घुल रही है, परंपरा है कि हवा को अभी जाना होगा लेकिन झील को तो वहीं रहना हैं, ये बिछोह तो उसे सहना ही होगा और ये दर्द जैसे केवल हवा और झील का ही नहीं बल्कि उसके किनारे बैठे जोड़े का भी है। वर और वधू दोनों उसके किनारे बैठे हुए हैं और फिर लड़का बहुत हल्के संगीत के साथ धीमे से अपनी बात कह देता है, 'बड़े अच्छे लगते हैं, ये धरती, ये नदिया, ये रैना.... '  लड़की धीमे से पूछती है, 'और ....?' जब वो बोलती है तो पूरा संगीत थम जाता है, उसकी आवाज ही इतनी मधुर है कि उसके सामने संगीत का मौन रह जाना ही ठीक है; स्वर यदि पुरुष के पास हैं उन्हें सँवारने वाला संगीत स्वयं स्त्री है - और अब वही संगीत दूर जा रहा है ....

The Leader Who Loves the Desert

  अरंडी के पौधों को रेगिस्तान पसंद है। वहाँ उनके लिए कोई चुनौती नहीं होती, दूर-दूर तक ये खतरा नहीं होता कि बड़ी झाड़ियों और विशाल वृक्षों के बीच उन पर किसी की नजर नहीं पड़ेगी - उनके अस्तित्व को एक पहचान मिले इसके लिए रेगिस्तान होना ज़रूरी है ...

When the Elders Disappear - The Silent Collapse of a Society

  कुछ दशक पहले दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क को, हाथियों की तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या का सामना करना पड़ा। जब समस्याएँ ज्यादा गहराई तो वहाँ अधिकारियों ने हाथियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए एक योजना बनाई - भोजन पानी की सीमितता को देखते हुए विचार हुआ कि वृद्ध हाथियों को हटाकर युवा हाथियों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं; सो कुछ बुजुर्ग हाथी मार दिये गए।      लेकिन इसके साथ ही एक चिंताजनक समस्या खड़ी हो गई, बचे हुए युवा हाथियों ने असामान्य और आक्रामक व्यवहार दिखाना शुरू कर दिया - वे अधिक हिंसक हो गए, और नेशनल पार्क में रहने वाले गैंडों और अन्य जानवरों पर हमला करने लगे - उनका ऐसा बर्ताव पहले कभी नहीं देखा गया था।

The Speech That Lincoln Thought Was a Failure

 लिंकन को वह आग्रह बहुत ही साधारण तरीके से भेजा गया था, आयोजकों को ये कतई उम्मीद नहीं थी कि लिंकन उनका न्योता स्वीकार कर लेंगे; पर लिंकन ने उसे स्वीकार कर लिया। अवसर था गेटिसबर्ग में सैनिकों के राष्ट्रीय समाधिस्थल के समर्पण का। वह गृहयुद्ध जो 6,20,000 सैनिकों की बलि लेने वाला था,अपने चरम पर था।       ऐसे समय 1 जुलाई से 3 जुलाई 1863 के बीच गेटिसबर्ग में दोनों पक्षों (यूनियन और कन्फ़ेडरेट्स) के बीच एक बेहद रक्त रंजीत लड़ाई हुई जिसमें दोनों तरफ के कुल 41,112 सैनिक बलिदान हुए। समाधिस्थल इन्ही सैनिकों को समर्पित था। जब नवंबर 19 को लिंकन इस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे